*कुलपति बनने पर बधाई*
भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् (आईसीपीआर) एवं
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् (आईसीएचआर) के सदस्य-सचिव सुप्रसिद्ध दार्शनिक प्रोफेसर डाॅ. रजनीश कुमार शुक्ल को महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) का कुलपति नियुक्त किया गया है। इसके लिए बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।
*बीएनएमयू से है लगाव*
कुलपति डाॅ. राय ने बताया कि डाॅ. शुक्ल का बीएनएमयू से काफी लगाव है। आईसीपीआर के सदस्य-सचिव के रूप में उन्होंने बीएनएमयू को तीन कार्यक्रमों के आयोजन हेतु अनुदान दिलाया था। इनमें से दो कार्यक्रम गत वर्ष मार्च एवं अप्रैल में टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा में आयोजित हुआ था। तीसरा कार्यक्रम भारतीय दार्शनिक दिवस के रूप में दर्शनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में आयोजित किया जाना है। आगे इस वर्ष आयोजित होने जा रहे दर्शन परिषद्, बिहार के 42 वें वार्षिक अधिवेशन में आमंत्रित किया जाएगा।
*दर्शन के प्रति प्रतिबद्धता*
डाॅ. शुक्ल से गहरे जुड़े बीएनएमयू के जनसंपर्क पदाधिकारी सह दर्शन परिषद्, बिहार के संयुक्त सचिव डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि डाॅ. शुक्ल हमेशा दर्शनशास्त्र के उन्नयन हेतु
प्रतिबद्ध रहे हैं। इसलिए उन्हें आशा ही नहीं, वरन पूर्ण विश्वास है कि इनके प्रयासों से वर्धा में दर्शनशास्त्र का एक स्वतंत्र विभाग अवश्य खुलेगा। डाॅ. शेखर ने बताया कि डाॅ. शुक्ल अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। इसके पूर्व ये परिषद् के संयुक्त सचिव एवं शोध-पत्रिका 'दार्शनिक त्रैमासिक' के प्रधान संपादक भी रहे हैं। इस पत्रिका में लगातार बीएनएमयू के प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों के आलेख प्रकाशित होते रहे हैं।
*कई उपलब्धियाँ*
डाॅ. शेखर ने बताया कि डाॅ. शुक्ल के नाम कई उपलब्धियाँ हैं। इन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पी-एच. डी. की है और वे संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में तुलनात्मक धर्म एवं दर्शन विभाग के अध्यक्ष रहे हैं। ये बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सिंडीकेट (कोर्ट) एवं हरियाणा राज्य शिक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं। इन्होंने सात पुस्तकें लिखी गई हैं। इनमें 'गौरवशाली संस्कृति', 'स्वातंत्र्योत्तर भारतीय दार्शनिक चिंतन की पृष्ठभूमि' प्रमुख हैं। इनके सौ से अधिक शोध पत्र एवं आलेख देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
*अन्य लोगों ने भी दी बधाई*
डाॅ. शुक्ल को बधाई देने वालों में प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली, मानविकी संकायाध्यक्ष डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी, टी. पी. काॅलेज के डाॅ. शिवशंकर कुमार, पार्वती साइंस काॅलेज के डाॅ. रवीन्द्र चरण यादव, सिंडीकेट सदस्य डाॅ. रामनरेश सिंह, सीनेटर रंजन यादव आदि के नाम भी शामिल हैं।
भारतीय दार्शनिक अनुसंधान परिषद् (आईसीपीआर) एवं
भारतीय इतिहास अनुसंधान परिषद् (आईसीएचआर) के सदस्य-सचिव सुप्रसिद्ध दार्शनिक प्रोफेसर डाॅ. रजनीश कुमार शुक्ल को महात्मा गाँधी अंतरराष्ट्रीय हिन्दी विश्वविद्यालय, वर्धा (महाराष्ट्र) का कुलपति नियुक्त किया गया है। इसके लिए बीएनएमयू, मधेपुरा के कुलपति डाॅ. अवध किशोर राय ने उन्हें बधाई एवं शुभकामनाएँ दी हैं।
*बीएनएमयू से है लगाव*
कुलपति डाॅ. राय ने बताया कि डाॅ. शुक्ल का बीएनएमयू से काफी लगाव है। आईसीपीआर के सदस्य-सचिव के रूप में उन्होंने बीएनएमयू को तीन कार्यक्रमों के आयोजन हेतु अनुदान दिलाया था। इनमें से दो कार्यक्रम गत वर्ष मार्च एवं अप्रैल में टी. पी. काॅलेज, मधेपुरा में आयोजित हुआ था। तीसरा कार्यक्रम भारतीय दार्शनिक दिवस के रूप में दर्शनशास्त्र विभाग के तत्वावधान में आयोजित किया जाना है। आगे इस वर्ष आयोजित होने जा रहे दर्शन परिषद्, बिहार के 42 वें वार्षिक अधिवेशन में आमंत्रित किया जाएगा।
*दर्शन के प्रति प्रतिबद्धता*
डाॅ. शुक्ल से गहरे जुड़े बीएनएमयू के जनसंपर्क पदाधिकारी सह दर्शन परिषद्, बिहार के संयुक्त सचिव डाॅ. सुधांशु शेखर ने बताया कि डाॅ. शुक्ल हमेशा दर्शनशास्त्र के उन्नयन हेतु
प्रतिबद्ध रहे हैं। इसलिए उन्हें आशा ही नहीं, वरन पूर्ण विश्वास है कि इनके प्रयासों से वर्धा में दर्शनशास्त्र का एक स्वतंत्र विभाग अवश्य खुलेगा। डाॅ. शेखर ने बताया कि डाॅ. शुक्ल अखिल भारतीय दर्शन परिषद् के कार्यकारी अध्यक्ष हैं। इसके पूर्व ये परिषद् के संयुक्त सचिव एवं शोध-पत्रिका 'दार्शनिक त्रैमासिक' के प्रधान संपादक भी रहे हैं। इस पत्रिका में लगातार बीएनएमयू के प्राध्यापकों एवं शोधार्थियों के आलेख प्रकाशित होते रहे हैं।
*कई उपलब्धियाँ*
डाॅ. शेखर ने बताया कि डाॅ. शुक्ल के नाम कई उपलब्धियाँ हैं। इन्होंने काशी हिंदू विश्वविद्यालय, वाराणसी से पी-एच. डी. की है और वे संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय, वाराणसी में तुलनात्मक धर्म एवं दर्शन विभाग के अध्यक्ष रहे हैं। ये बनारस हिंदू विश्वविद्यालय सिंडीकेट (कोर्ट) एवं हरियाणा राज्य शिक्षा सलाहकार बोर्ड के सदस्य हैं। इन्होंने सात पुस्तकें लिखी गई हैं। इनमें 'गौरवशाली संस्कृति', 'स्वातंत्र्योत्तर भारतीय दार्शनिक चिंतन की पृष्ठभूमि' प्रमुख हैं। इनके सौ से अधिक शोध पत्र एवं आलेख देश-विदेश की विभिन्न पत्र-पत्रिकाओं में प्रकाशित हुए हैं।
*अन्य लोगों ने भी दी बधाई*
डाॅ. शुक्ल को बधाई देने वालों में प्रति कुलपति डॉ. फारूक अली, मानविकी संकायाध्यक्ष डाॅ. ज्ञानंजय द्विवेदी, टी. पी. काॅलेज के डाॅ. शिवशंकर कुमार, पार्वती साइंस काॅलेज के डाॅ. रवीन्द्र चरण यादव, सिंडीकेट सदस्य डाॅ. रामनरेश सिंह, सीनेटर रंजन यादव आदि के नाम भी शामिल हैं।
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